गीता सार

गीता जी अध्याय 10 श्लोक दो
मैं कहा है कि मेरी उत्पत्ति को कोई नहीं जानता है इससे सिद्ध की काल भी उत्पन्न हुआ था। इसलिए यह भी कहीं आकार में है।
नहीं तो कृष्ण जी अर्जुन के सामने ही खड़े थे वह तो कह ही नहीं सकते कि मैं अनादि अजन्मा हूं
गीता बोलने वाला काल कौन है?
पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु अध्याय 11 श्लोक 32 में रहा है कि अर्जुन मैं बड़ा हुआ काल हूं अब मैं सर्व लोगों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूं।
पवित्र गीता
अध्याय 11 श्लोक 21 और 34 मैं अर्जुन कह रहा है। 
हे हजार भुजा वाले भगवान !
                               आप चतुर्भुज रूप में आइए।
मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं कर पा रहा हूं।
श्री कृष्ण जी की चार भुजाएं हैं फिर सहसबाहु कौन है?
अधिक जानकारी के लिए देखें साधना चैनल पर प्रतिदिन सत्संग शाम 7:30 से 8:30 तक
संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व में पूर्ण गुरु एक ही है।

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